हाइलाइट्स
पोप फ्रांसिस का निधन ईस्टर यानी 21 अप्रैल को 88 वर्ष की आयु में हुआ था. वे डबल निमोनिया से जूझते हुए पांच सप्ताह तक अस्पताल में रहने के बाद वेटिकन सिटी लौटे थे. जिसके एक महीने से भी कम समय बाद उनकी मृत्यु हो गई. पोप को अंतिम विदाई देने का कार्यक्रम बहुत भव्य होगा, जिसमें 224 कार्डिनल, 750 बिशप और पादरी सहित विश्व के गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. इसमें 200,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. इतालवी और वेटिकन अधिकारियों ने इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. वेटिकन सिटी को नो-फ्लाई जोन बनाया गया है, लड़ाकू विमान स्टैंडबाय पर हैं और चारों ओर छतों पर स्नाइपर्स तैनात किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें- 1971 के युद्ध में भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान के किन इलाकों पर कब्जा किया? लेकिन फिर लौटा दिया
पोप फ्रांसिस का पार्थिव शरीर वेटिकन के सेंट पीटर्स बेसिलिका के सामने भव्य बारोक प्लाजा में रखा जाएगा. जहां पर कैथोलिक के इस सर्वोच्च धार्मिक नेता को अंतिम विदाई देने के लिए दुनिया भर के नेता और विशिष्ट लोग शामिल होंगे. भारतीय समयानुसार 1.30 बजे उनको दफनाया जाएगा. पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पोप शामिल होंगी. उनके साथ केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डी सूजा भी हैं.
ये भी पढ़ें- क्या रात भर एसी में सोने से सेहत पर पड़ता है बुरा असर? क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इस बार टूटेगी परंपरा
परंपरा रही है कि किसी पोप की मृत्यु होने के बाद उसे वेटिकन के अंतिम विश्राम स्थल में दफनाया जाता रहा है. लेकिन इस बार सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए पोप फ्रांसिस को उनके पसंदीदा रोम चर्च सांता मारिया मैगीगोर में दफनाया जाएगा. पोप फ्रांसिस हमेशा सादगी पसंद करते थे. वे पोप बनने के बाद वेटिकन के एक साधारण गेस्टहाउस में रहते थे और कैथोलिक धर्म के मुख्यधारा के केंद्रों के बजाय सीमांत क्षेत्रों में जाकर अपने अनुयायियों के लिए सुलभ बने रहते थे. पोप ने अपनी वसीयत में अपनी कब्र का भी वर्णन करते हुए कहा, “कब्र जमीन में होनी चाहिए. सादा, बिना किसी विशेष सजावट के और केवल शिलालेख के साथ: फ्रांसिसस.” उन्होंने आगे कहा कि उनके दफन का खर्च किसी दानदाता द्वारा प्रदान की गई राशि से वहन किया जाना चाहिए. पोप फ्रांसिस को उनकी इच्छा के अनुसार एक लकड़ी के ताबूत में रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें- क्या 1965 के युद्ध में जीता हाजी पीर दर्रा पाकिस्तान को वापस करना थी बड़ी गलती, जो अब आतंकियों का प्रवेश द्वार
कब होगा उत्तराधिकारी का फैसला?
कार्डिनल्स ने पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए सम्मेलन की तिथि निर्धारित नहीं की है. लेकिन वर्तमान मानदंडों के अनुसार यह 6 मई से पहले शुरू नहीं हो सकता. पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के लिए कोई स्पष्ट दावेदार नहीं है. आयरिश मूल के अमेरिकी कार्डिनल केविन फैरेल को वेटिकन के कार्यवाहक प्रमुख के रूप में चुना गया है. ये पद कैमरलेंगो या चैंबरलेन कहलाता है. उनकी जिम्मेदारी होती है कि वो पोप की मृत्यु की औपचारिक पुष्टि करें और दूसरे पोप के चुनाव से पहले ‘होली सी’ का संचालन करें. नए पोप के चुनाव से पहले ‘अंतराल’ अवधि के दौरान वेटिकन का प्रशासन संभालने के लिए कार्डिनल केविन फैरेल की मदद करने के लिए तीन कार्डिनल चुने गए हैं.
नई दिल्ली10 मिनट पहलेकॉपी लिंकस्कोडा इंडिया ने तकनीकी खराबी के कारण अपनी 25,772 गाड़ियों को…
प्रतिरूप फोटो IPL XKusum । May 1 2025 10:10PMरॉयल्स टीम की ये पिंक जर्सी फ्रेंचाइजी…
Image Source : INDIA TV फैक्ट चेक पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले…
Suryakumar Yadav Got Orange Cap: मुंबई इंडियंस के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ऑरेंज कैप की…
Shikhar Dhawan: टीम इंडिया के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज शिखर धवन ने सरेआम अपने प्यार का…
Image Source : INDIA TV ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने…