पलक झपते ही खाक में म‍िला देंगे भारत के ये हाईटेक म‍िसाइल, दुश्‍मनों की कांप जाएगी रूह – These high tech missiles of India will destroy everything in the blink of an eye enemies will be terrified – hindi new, tech news

नई द‍िल्‍ली. पिछले कुछ साल में, भारत ने एक मजबूत रक्षा ढांचा तैयार किया है और अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार सुधार रहा है, खासकर अपने मिसाइल पोर्टफोलियो को. देश अपने वार्षिक बजट का एक बड़ा हिस्सा रक्षा पर खर्च करता है. PIB के अनुसार, 2025-26 के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसमें से 1,48,722.80 करोड़ रुपये पूंजी अधिग्रहण के लिए रखे गए हैं, जो हथियारों और मिसाइलों की खरीद को कवर करेंगे, जबकि 31,277.20 करोड़ रुपये अनुसंधान और विकास (R&D) और रक्षा ढांचे के विकास के लिए निर्धारित किए गए हैं.

देश ने अपनी रणनीति, ध्यान और निवेश के चलते कई तरह की मिसाइलें विकसित की हैं, जो अलग-अलग जरूरतों को पूरा करती हैं. छोटी दूरी की सामरिक मिसाइलों से लेकर लंबी दूरी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBMs) तक, हर एक का रक्षा में अलग-अलग उपयोग और उद्देश्य है. भारत की इन नई तकनीकों से दुश्मनों को अब कई बार सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा. भारत वर्तमान में जिन मिसाइलों का उपयोग कर रहा है या विकसित कर रहा है, उनके प्रकार और तकनीक इस प्रकार हैं:

शॉर्ट-रेंज टैक्टिकल मिसाइलें
भारत के पास कई शॉर्ट-रेंज टैक्टिकल मिसाइलें हैं, जिनमें पृथ्वी-I और पृथ्वी-II शामिल हैं. TOI की रिपोर्ट के अनुसार ये न्यूक्लियर कैपेबल मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज क्रमशः 150 किमी और 350 किमी है.  इसके अलावा, प्रहार भी है, जिसकी रेंज लगभग 150 किमी है और यह तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम है. देश के पास प्रलय भी है, जिसकी रेंज 500 किमी तक है और यह शॉर्ट-रेंज और मीडियम-रेंज सिस्टम्स के बीच की खाई को पाटता है. इसके साथ, शौर्य भी है, जो न्यूक्लियर कैपेबल हाइपरसोनिक मिसाइल है और इसकी रेंज 700 किमी है. यह मिसाइल तेजी से तैनाती और उच्च सटीकता प्रदान करती है.

सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (SAMs)
ये मिसाइलें हवाई खतरों जैसे विमान, ड्रोन और मिसाइलों से निपटने के लिए जानी जाती हैं. देश के पास ‘आकाश’ नाम की एक मध्यम दूरी की मिसाइल है, जो 25 किमी तक की दूरी पर कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. देश के पास QRSAM भी है, जिसे उच्च मूल्य वाले सैन्य संपत्तियों की सुरक्षा के लिए तेजी से तैनात किया जा सकता है और इसकी रेंज 30 किमी है. Naval News के अनुसार VL-SRSAM भी देश की रक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह एक जहाज-आधारित प्रणाली है जिसकी रेंज लगभग 80 किमी है और यह नौसैनिक जहाजों को हवाई खतरों से सुरक्षा प्रदान करती है.

आमतौर पर, इन प्रणालियों में रडार मार्गदर्शन, इन्फ्रारेड होमिंग और रॉकेट प्रणोदन का उपयोग किया जाता है, साथ ही सटीकता से निशाना साधने के लिए बुद्धिमान फायर-कंट्रोल एल्गोरिदम का भी उपयोग होता है.

पानी के अंदर से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें (SLBMs)
भारत की परमाणु ताकत को मजबूत बनाने के लिए K-15 (सागरिका), K-4 और भविष्य की K-5/K-6 मिसाइलें अहम भूमिका निभाती हैं. इनकी रेंज 750 किमी (K-15) से लेकर 6,000 किमी (K-6) तक है.

ये मिसाइलें कोल्ड लॉन्च सिस्टम का उपयोग करती हैं, जिसमें दबावयुक्त गैस मिसाइल को बाहर निकालती है और फिर इंजन चालू होता है, जिससे पनडुब्बी सुरक्षित रहती है. इनमें ठोस-प्रोपेलेंट बूस्टर, इनर्शियल और सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम और मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री वीकल्स (MIRVs) लगे होते हैं, जो एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं.

एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें (ATGMs)
भारत के पास नाग भी है, जो एक टॉप-अटैक, फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल है जिसकी रेंज 10 किमी है. इसके अलावा, भारत के पास हेलिना, SANT और MPATGM भी हैं, जिनकी रेंज 2 से 20 किमी तक है. ये मिसाइलें हेलीकॉप्टर और इन्फैंट्री लॉन्चर्स जैसे प्लेटफार्मों से इस्तेमाल की जा सकती हैं. ये मिसाइलें इमेजिंग इन्फ्रारेड गाइडेंस, लेजर टारगेटिंग और टैंडम वॉरहेड्स का उपयोग करती हैं, जो रिएक्टिव आर्मर को हराने के लिए डिजाइन की गई हैं.

एयर-टू-एयर मिसाइलें (AAMs)
अस्त्र Mk-I और अस्त्र Mk-II भारत की वायु श्रेष्ठता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं. इन मिसाइलों की रेंज लगभग 100 किमी और 130 किमी तक है और ये दुश्मन के विमानों को सटीकता से निशाना बनाने के लिए बनाई गई हैं. ये मिसाइलें ठोस-ईंधन रॉकेट मोटर्स का उपयोग करती हैं और इनमें सक्रिय या अर्ध-सक्रिय रडार होमिंग और इमेजिंग इन्फ्रारेड सीकर्स के साथ उन्नत डेटा लिंक होते हैं, जो मध्य-कोर्स अपडेट्स के लिए होते हैं. इन्हें चुनौतीपूर्ण वातावरण में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है और ये इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमेजर्स (ECCM) से लैस हैं, जो जैमिंग और डिकॉय से बचने में सक्षम हैं.

लंबी दूरी की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें (1,000+ किमी)
रेजिमेंट का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. भारत के पास अग्नि-I से अग्नि-V तक की मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज लगभग 700 किमी से लेकर 5,500 किमी से अधिक है. अग्नि-V को ICBM के रूप में क्‍लास‍िफाई क‍िया गया है. देश के पास सबसोनिक क्रूज मिसाइल भी है, जिसकी रेंज 1,000–1,500 किमी है और यह टेरेन-हगिंग फ्लाइट प्रोफाइल, परमाणु पेलोड और मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता में सक्षम है, रिपोर्ट में जोड़ा गया है.

ये लंबी दूरी की मिसाइलें ठोस/तरल प्रणोदन, स्क्रैमजेट तकनीक (भविष्य के हाइपरसोनिक्स के लिए), जड़त्वीय नेविगेशन, जीपीएस और टर्मिनल गाइडेंस सिस्टम का उपयोग करती हैं. मिसाइल की एरोडायनामिक्स भी रेंज और सटीकता को बढ़ाने में मदद करती है.

Source link

hindinewsblogs

Share
Published by
hindinewsblogs

Recent Posts

अमूल का FMCG में विस्तार: ऑर्गेनिक चाय, चीनी और मसालों की नई शुरुआत.

Last Updated:May 01, 2025, 03:01 ISTअमूल अब ऑर्गेनिक चाय, चीनी और मसालों में कदम रखकर…

32 minutes ago

भारत-पाकिस्तान सीजफायर उल्लंघन: पहलगाम हमले के बाद फौजें हाई अलर्ट पर

Last Updated:May 01, 2025, 00:42 ISTPAK CEASEFIRE VIOLATION: भारत और पाकिस्तान के बीच 778 किलोमीटर…

2 hours ago

Punjab Kings beat Chennai Super Kings: घर पर भी इज्जत नहीं बचा पाई धोनी की CSK, पंजाब किंग्स ने चार विकेट से हराया

Last Updated:May 01, 2025, 00:49 ISTCSK vs PBKS Highlights: पंजाब किंग्स ने चेन्नई सुपरकिंग्स को…

2 hours ago

Chennai super kings out of ipl 2025 play offs race। आईपीएल की रेस से बाहर होने वाली चेन्नई पहली टीम बनी.

Last Updated:May 01, 2025, 00:00 ISTपंजाब किंग्स से हारकर चेन्नई सुपरकिंग्स आईपीएल से बाहर हो…

3 hours ago