परिवार के सहयोग से बदली तकदीर, बना रही ऐसा प्रोडक्ट कि घर तक आ रहे व्यापारी, जानें मीरा की Success Story

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Sheohar Meera Devi Success Story: शिवहर जिला के पिपराही की रहने वाली महिला मीरा देवी परिवार के सहयोग से कुल्हड़ बनाने का काम कर रही हैं. कुल्हड़ बनाने के लिए गुजरात से मशीन मंगवाया है. रोजाना 3 हजार कुल्हड़ तैयार …और पढ़ें

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हाइलाइट्स
  • मीरा देवी कुल्हड़ बनाकर हर माह 20-25 हजार कमा रही हैं.
  • गुजरात से मशीन मंगवाकर रोजाना 3 हजार कुल्हड़ बनाती हैं.
  • शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर में कुल्हड़ बेचती हैं.

शिवहर. महिलाएं अब हर क्षेत्र में काम कर अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने की जुगत में है और बेहतर कर भी रही है. जिसका एक उदाहरण शिवहर की मीरा देवी भी है. शिवहर जिले के पिपराही की रहने वाली महिला मीरा देवी के पति किसान हैं. खेती-बाड़ी से घर चलाना मुश्किल होने के बाद मीरा ने मिट्टी की कुल्हड़ बनाना शुरू किया. बाहर से इसकी मशीन मंगाई और जीविका से एक बार मात्र 20 हजार लोन मिला. दोबारा सहयोग मांगने पा नहीं मिला. इसके बाद घर के सहयोग से व्यवसाय को शुरू किया.अब हर महीने 20-25 हजार रुपए कमा रही हैं. वैसे भी इन दिनों कुल्हड़ वाली चाय काफी फेमस है.

35 वर्षीय मीरा देवी मिट्टी का कुल्हड़ बनाकर न केवल खुद आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि दर्जनों लोगों को रोजगार दे रही हैं. जीविका समूह से जुड़ी मीरा देवी बगैर किसी सरकारी सहयोग के 2 साल से मशीन के जरिए मिट्‌टी से कुल्हड़ बनाकर शिवहर के अलावा सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर तक में बेच रही हैं.

कुल्हड़ बनाने के लिए गुजरात से मंगवाया है मशीन

इस कार्य में उनके पति देवेंद्र साह सहित परिवार के अन्य सदस्य भी सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने अलग से चार मजदूर रखे हैं. मीरा देवी ने बताया कि लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च कर ऑनलाइन मशीन खरीदकर गुजरात से मंगवाया. इनमें कुल्हड़ बनाने और मिट्टी गिला करने की मशीन शामिल है. प्रतिदिन  तीन हजार कुल्हड़ का निर्माण करती है. बाजार में प्रति कुल्हड़ डेढ़ रुपये में बिकता है. सारा खर्च काटकर महीने में 20 से 25 हजार रुपये की महीना कमाई कर रही है. अब मीरा देवी की सफलता के चर्चे दूर तक पहुंचने लगे हैं. मीरा ने बताया कि वह 8 साल से जीविका से जुड़ी हैं.

कुल्हड़ सप्लाई करने में मदद करते हैं मदद

मीरा देवी ने बताया कि काफी प्रयास के बाद भी बैंक से लोन नहीं मिल पाया. घर के सहयोग से ही प्लांट लगाया है और कुल्हड़ बनाने में भी सहयोग मिल रहा है. जिला प्रशासन ने भी मीरा देवी की सफलता को सराहा है. कुल्हड़ तैयार होने के बाद पति कुल्हड़ की पैकिंग कर ऑटो या बाइक पर लादकर शिवहर, तरियानी, डुमरी कटसरी, पुरनहिया, पिपराही के अलावा सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर तक के बाजार में पहुंचाते हैं. इसके अलावा दर्जनों की संख्या में आस-पास के व्यापारी खुद आकर ले जाते हैं. मीरा देवी नारी सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता की मिसाल बन गई है. उनकी इस सफलता से आस-पास की महिलाएं प्रेरित हो रही हैं.

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इस धंधे से शिवहर की महिला की बदली तकदीर, हर माह हो रही अच्छी कमाई

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