थरूर ने कहा कि इस सप्ताह हुई भयावहता के लिए उन लोगों की जिम्मेदारी अधिक है जिन्होंने हत्याओं की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया, न कि उन लोगों की जो उन्हें रोकने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारी तरफ से खुफिया और सुरक्षा संबंधी चूक हुई है। सुरक्षा बल हर जगह नहीं हो सकते। लेकिन अब उन्हें उन जगहों की सूची में आम पर्यटक स्थलों को भी शामिल करना होगा, जिनकी उन्हें सुरक्षा करनी होगी। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम कस्बे के पास मंगलवार दोपहर को आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे और कई घायल हो गए। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की क्योंकि वह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के लिए समय पर लक्षद्वीप से वापस नहीं आ सके।
उन्होंने कहा कि वह सीडब्ल्यूसी द्वारा जारी मजबूत और रचनात्मक बयान में अपना समर्थन जोड़ रहे हैं। चार अतिरिक्त, परस्पर संबंधित बिंदुओं को जोड़ते हुए, थरूर ने कहा कि पहलगाम हमले के उद्देश्य स्पष्ट हैं – शांति को रोकना, “सामान्यीकरण” को पटरी से उतारना, पर्यटन को नष्ट करना, कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके वहां असंतोष बढ़ाना, कश्मीरियों और अन्य भारतीयों के प्रति अविश्वास को बढ़ाना और भारत में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ाना।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकवादियों और इसकी साजिश रचने वालों को ‘‘उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा देने’’ का संकल्प जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अब आतंकियों की ‘‘बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने’’ का समय आ गया है। मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है बल्कि देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। उन्होंने अपने भाषण में कुछ बातें अंग्रेजी में भी कहीं, जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘मित्रों, आज मैं बिहार की धरती से पूरी दुनिया को बता देना चाहता हूं कि भारत एक एक आतंकवादी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा। हम धरती के आखिरी छोर तक उनका (पहलगाम के हमलावरों का) पीछा करेंगे। आतंकवाद कभी भारत का मनोबल नहीं तोड़ पाएगा।’’
मंगलवार को पहलगाम के बैरसन में आतंकी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला सार्वजनिक बयान है। मारे गए लोगों में बिहार के मूल निवासी मनीष रंजन भी थे जो हैदराबाद में आसूचना ब्यूरो (आईबी) में ‘सेक्शन ऑफिसर’ के रूप में पदस्थ थे। मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के निवासी मनीष का परिवार अब पश्चिम बंगाल के झालदा में रहता है। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसे दिए एक संदेश में कहा, ‘‘ मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने ये हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी..सजा मिलकर रहेगी।’’ मोदी ने कहा, ‘‘ अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।’’<
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