शादीशुदा और कुंवारे लोगों की खुशियों पर शोध के नतीजे

Relationship,शादियों का सीजन चल रहा है, तो ऐसे में कई लोगों की शादियां हो जाती हैं. वैसे शादी के लड्डू के बारे में एक कहावत भी फेमस है, “शादी का लड्डू खाओ तो पछताओ, न खाओ तो पछताओ”. लेकिन क्या वाकई लोग शादी करने के बाद पछताते हैं? या फिर जो लोग कुंवारे रहते हैं, वो ज़्यादा पछताते हैं? इस बात को लेकर कई बार सर्वे और स्टडीज़ हुई हैं, और उनमें जो नतीजे सामने आए हैं, वो बड़े मजेदार हैं. चलिए आपको बताते हैं, ऐसा लोगों का सोचना क्यों है?

1. शादीशुदा लोग ज़्यादा खुश रहते हैं
1. कई शोध बताते हैं कि शादीशुदा लोग औसतन ज़्यादा खुश रहते हैं, खासकर जब रिश्ता हेल्दी हो.
2. एक लॉन्ग-टर्म स्टडी के अनुसार, अच्छी शादी से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है और अकेलापन भी कम होता है.

2. बुरी शादी, पछतावे की जड़
1. जो लोग झगड़े, टॉक्सिक रिश्ते या नाखुश शादी में फंसे होते हैं, वे कुंवारे लोगों से ज़्यादा तनाव में रहते हैं.
2. ऐसे लोग अकसर कहते हैं, “काश पहले सोच-समझ कर कदम उठाया होता.”तो आज ये न देखना पड़ता.

3. कुंवारे लोग: आज़ादी vs अकेलापन
1. कुछ लोग कुंवारे रहकर खुद की लाइफ में खुश रहते हैं, करियर और शौक़ पर फोकस करते हैं.
2. लेकिन कई बार उम्र बढ़ने के साथ अकेलापन उन्हें परेशान करने लगता है.

4. बुज़ुर्गों की राय
1. बुज़ुर्गों के अनुभव पर आधारित सर्वे बताते हैं कि ज़्यादातर लोगों को शादी करने का पछतावा नहीं होता है. बशर्ते पार्टनर अच्छा हो, तो जीवन खुशहाल हो जाता है.
2. लेकिन गलत पार्टनर चुनने पर सबसे ज्यादा पछतावा होता है.

नतीजा:
1. शादी का लड्डू, सोच-समझकर खाना चाहिए.
2. न शादी करना गलत है, न कुंवारे रहना, बस फैसला सोच-समझकर समझदारी से होना चाहिए.
3. सही साथी और आपसी समझ हो तो शादी जीवन को बेहतर बना सकती है.
4. लेकिन सिर्फ समाज के दबाव या अकेलेपन के डर से शादी करना उल्टा नुकसानदायक हो सकता है.

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