हाइलाइट्स
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के दौरान एलन मस्क को बड़ा सरकारी ओहदा और पॉवर देने का वादा किया था. इस वादे के लालच में आकर मस्क ने अपनी कंपनी पर ध्यान देना भी कम कर दिया, जिसका असर तिमाही नतीजों पर दिखा और टेस्ला को मार्च तिमाही में काफी कम मुनाफा हुआ. दूसरी ओर, लेकिन गद्दी मिलने के बाद कुछ विवाद बढ़ा तो ट्रंप प्रशासन में मिलने वाली भूमिका भी चली गई. आखिरकार उन्होंने वापस टेस्ला पर ध्यान देना शुरू कर दिया और कंपनी को भी इस बारे में साफ बता दिया है.
एलन मस्क ने बाकायदा ऐलान किया है कि वह टेस्ला में वापस आ रहे हैं और ट्रंप प्रशासन में अपनी विवादास्पद भूमिका से आंशिक रूप से दूर हो रहे हैं. उनकी इस भूमिका की वजह से ही कंपनी के मुनाफे और बिक्री में भारी गिरावट आई है. मस्क ने टेस्ला के निवेशकों को बताया कि वह अगले महीने से ट्रंप के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) में अपना कामकाज काफी सीमित कर देंगे और ज्यादातर ध्यान कंपनी पर देंगे.
नुकसान के बाद खुली मस्क की आंख
कंपनी के कामकाज से दूरी बना चुके एलन मस्क को टेस्ला ने बताया कि उसकी तिमाही कमाई उम्मीदों से काफी कम रही और बढ़ते व्यापार युद्ध ने इस साल के बाकी समय के लिए कंपनी के भविष्य को धुंधला कर दिया है. इसके बाद एलन मस्क ने सरकारी कामकाज पर ध्यान देना कम कर दिया और कहा कि अगले महीने मई से DOGE में मेरे कामकाज का समय काफी कम हो जाएगा. हालांकि, उन्होंने DOGE के साथ अपने काम का बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि सरकारी पैसों का फिजूल खर्च और धोखाधड़ी कम करना जरूरी था.
टेस्ला को कितना नुकसान
ई-कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने बताया कि उसके राजस्व में 9% की गिरावट आई है, जिसमें ऑटो राजस्व में 20% की गिरावट आई है. समायोजित कमाई में 39% की गिरावट आई. ये गिरावटें उम्मीद से बड़ी थीं. नेट प्रॉफिट की बात करें तो पिछले साल के मुकाबले टेस्ला का मुनाफा 71 फीसदी गिर गया है. आलम ये था कि टेस्ला ने अप्रैल में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखी है. कंपनी ने बताया कि पिछले साल के पहले तीन महीने की तुलना में कंपनी ने करीब 50 हजार कारें कम बेची हैं. यह तीन साल की सबसे कम बिक्री है.
हर तिमाही 20 फीसदी थी ग्रोथ
टेस्ला की बिक्री में आई यह बड़ी गिरावट चौंकाने वाली है, क्योंकि पिछले साल तक यह कंपनी हर तिमाही 20 से 100 फीसदी तक ग्रोथ दर्ज कर रही थी. ताबड़तोड़ बिक्री की वजह से ही टेस्ला के शेयरों का मूल्यांकन काफी ज्यादा हो गया था और यह दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी बन गई. फिलहाल बिक्री में आई गिरावट की वजह से चीन की ऑटो कंपनी बीवाईडी ने टेस्ला को पीछे छोड़ दिया और खुद नंबर एक ऑटो कंपनी बन गई है.
मस्क ने किया टैरिफ का विरोध
एलन मस्क ने अमेरिका के टैरिफ वॉर का भी विरोध किया और कहा, ‘टैरिफ का निर्णय पूरी तरह से संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पर निर्भर है. मैं अपनी सलाह दूंगा. मैंने कई बार रिकॉर्ड पर कहा है कि कम टैरिफ इकनॉमिक ग्रोथ के लिए एक अच्छा विचार है. मैं कम टैरिफ के लिए समर्थन जारी रखूंगा बजाय उच्च टैरिफ के. यही मैं कर सकता हूं.’
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