टेलीकॉम बिजनेस से अदाणी बाहर क्यों निकल रहे हैं, स्पेक्ट्रम एयरटेल को बेचा

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अदाणी ग्रुप ने साल 2022 में स्पेक्ट्रम खरीदा था, लेकिन अब उसे भारती एयरटेल को बेचने का फैसला किया है. इसके पीछे एक खास वजह बताई जा रही है और एक्सपर्ट्स की अपनी राय है.

हाइलाइट्स
  • अदाणी ग्रुप ने टेलीकॉम स्पेक्ट्रम के लिए एयरटेल से डील की.
  • अदाणी ने 2022 में खरीदा स्पेक्ट्रम 212 करोड़ में बेचा.
  • अदाणी समूह भविष्य में स्पेक्ट्रम लीजिंग पर विचार कर सकता है.

नई दिल्ली. अदाणी ग्रुप ने पिछले कुछ सालों में कई बिजनेस में हाथ डाला और अपने व्यापारिक साम्राज्य का विस्तार किया. लेकिन, अब यह ग्रुप एक बिजनेस से पीछे हट रहा है. दरअसल, अदाणी ग्रुप ने टेलीकॉम सेक्टर से हाथ पीछे खींचने का फैसला किया है. अदाणी ग्रुप ने साल 2022 में जो स्पेक्ट्रम खरीदा था, उसे भारती एयरटेल को बेचने का फैसला किया है. एयरटेल ने कहा कि भारती एयरटेल और भारती हेक्साकॉम (सहायक कंपनी) ने अदाणी एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी अदाणी डाटा नेटवर्क्स के साथ एक समझौता किया है.

अदाणी डेटा नेटवर्क्स ने 26GHz बैंड में 400 MHz स्पेक्ट्रम लगभग 212 करोड़ रुपये में खरीदा था लेकिन अब यह स्पेक्ट्रम एयरटेल को बेचने जा रहा है. अदाणी ग्रुप ने पहले कहा था कि वह इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल अपने निजी इस्तेमाल के लिए करेगा, लेकिन टेलीकॉम विभाग के नियमों के अनुसार स्पेक्ट्रम खरीदने वाली कंपनियों को कुछ शर्तों का पालन करना होता है, और अगर ऐसा नहीं होता है तो कंपनी पर जुर्माना लग सकता है.

मजबूरी में हटना पड़ा पीछे

एनालिसिस मेसन के पार्टनर अश्विंदर सेठी ने कहा, “अडानी ने पोर्ट्स, माइनिंग आदि में इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए कैप्टिव 5जी निजी नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम खरीदा था. हालांकि, नॉन-टेलिकॉम ऑपरेटर्स के लिए प्राइवेट नेटवर्क को तैनात करना और बनाए रखना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकी क्षमताओं की आवश्यकता होती है. इसलिए स्पेक्ट्रम का उपयोग नहीं किए जाने और रोलआउट दायित्वों से संबंधित जुर्माने के साथ अदाणी ग्रुप को एयरटेल को अपना स्पेक्ट्रम बेचना जरूरी था.”

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हालांकि, अश्विंदर सेठी का मानना है कि अदाणी ग्रुप ने सीधे स्पेक्ट्रम ऑनरशिप से किनारा कर लिया है, लेकिन उसने टेलिकॉम के लिए पूरी तरह से दरवाज़ा बंद नहीं किया है. सेठी ने कहा कि यह बिजनेस समूह भविष्य में मौजूदा दूरसंचार कंपनियों के साथ स्पेक्ट्रम लीजिंग या नेटवर्क स्लाइसिंग व्यवस्था के माध्यम से निजी 5G सेवाओं को आगे बढ़ा सकता है.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, अदाणी समूह ने दूरसंचार विभाग (DoT) को लगभग 57 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि शेष 150 करोड़ रुपये (ब्याज को छोड़कर) अब एयरटेल द्वारा समय के साथ दूरसंचार विभाग को भुगतान किया जाएगा.

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