मथुरा: तुलसी की मंजरी को पानी में डालकर पीने से सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी समस्याओं में आराम मिलता है. साथ ही, यह वजन कम करने, साइनस और कब्ज में भी फायदेमंद है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, क्योंकि इसमें एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण होते हैं.
तुलसी की मंजरी के हैं अनगिनत फायदे
तुलसी, हिंदू धर्म में पूजनीय मानी गई है. तुलसी के जितने फायदे हैं उतना ही फायदा तुलसी की मंजरी भी लोगों के शरीर के लिए करती है. तुलसी की मंजरी को अगर नियमित रूप में सेवन किया जाए, तो तुलसी की मंजरी के अनगिनत फायदे आपको देखने को मिलेंगे. आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और साथ ही कब्ज की जो समस्या है, वह दूर हो जाएगी, तो चलिए जानते हैं कि तुलसी की मंजरी को किस तरह से नियमित सेवन में लाया जाए. जिससे शरीर की कई बीमारियां खत्म हो जाती है.
एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण
तुलसी की मंजरी को पानी में डालकर पीने से सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी समस्याओं में आराम मिलता है. साथ ही, यह वजन कम करने, साइनस और कब्ज में भी फायदेमंद है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, क्योंकि इसमें एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण होते हैं. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना. तुलसी की मंजरी में एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं. तुलसी की मंजरी पानी में मिलाकर पीने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है. तुलसी की मंजरी का पानी पीने से साइनस और कब्ज की समस्या में भी राहत मिलती है.
तुलसी की मंजरी से दूर होती हैं कई बीमारियां
तुलसी की मंजरी पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करती है और पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे ब्लोटिंग, गैस और एसिडिटी में राहत देती है. तुलसी का पानी शरीर से टॉक्सिन को निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है. तुलसी की मंजरी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं. तुलसी की मंजरी का पानी कैसे बनाएं. तुलसी के कुछ ताजे फूलों को पानी में उबालें. कुछ मिनट तक उबालने दें. पानी को छानकर ठंडा होने दें. इसे दिन में दो से तीन बार पिएं.
बड़े स्तर पर होती है मथुरा में तुलसी की खेती
मथुरा भगवान श्री कृष्ण की नगरी है. यहां पर बड़े स्तर पर तुलसी की खेती की जाती है. दादी नानी के नुस्खे में भी तुलसी का लगातार जिक्र आता है. कहा जाता है कि जब बच्चे बीमार हो जाते थे तब बुजुर्ग महिलाएं तुलसी की मंजरी को एक गिलास पानी में तोड़कर रात भर भिगो देती थी. सुबह उसे बच्चों को सेवन कराती थीं. बच्चा धीरे-धीरे स्वस्थ होता जाता था. आज भी तुलसी का सेवन लगातार प्राचीन समय से होता चला आ रहा है. इतना ही नहीं यहां पर कई ऐसे उत्पाद हैं, जो तुलसी से तैयार किए जाते हैं. तुलसी से मलाई तैयार की जाती हैं. तुलसी की मंजरी आयुर्वेदिक की दृष्टि से बेहद ही अच्छी मानी जाती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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