हाइलाइट्स
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने टूरिस्टों पर गोलियां बरसाईं. चश्मदीदों के मुताबिक- आतंकियों ने टारगेटेड कीलिंग की. नाम पूछकर टूरिस्टों पर फायरिंग की. लेकिन सबसे खास बात, यह वही जगह है, जहां से अमरनाथ यात्रा शुरू होती है. पहलगाम, अमरनाथ यात्रा का प्रमुख बेस कैंप है. हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां आते हैं. अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले इस हमले ने सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया है. यह हमला न केवल एक आतंकी घटना है, बल्कि एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा भी लगता है, जिसका मकसद श्रद्धालुओं और पर्यटकों में खौफ पैदा करना है. क्योंकि उन्होंने पहले धर्म पूछा, जाति पूछी और फिर गोलियां बरसाईं. मकसद साफ था कि वे श्रद्धालुओं में खौफ पैदा करना चाहते हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि दोपहर का समय था और पहलगाम की घाटी में ठंडी हवा के साथ सैलानियों की चहल-पहल थी. बैसरन के जंगलों में पर्यटक ट्रैकिंग का आनंद ले रहे थे. अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू हो गई. आतंकियों ने एक रिसॉर्ट को निशाना बनाया, जहां कई पर्यटक ठहरे हुए थे. एक महिला ने बाद में बताया, मेरे पति के सिर में गोली लगी है. 6-7 लोग घायल हुए हैं. इस हमले में कम से कम छह पर्यटकों के घायल होने की खबर है.
अमरनाथ यात्रा का प्रवेश द्वार पहलगाम
पहलगाम अमरनाथ यात्रा का पारंपरिक प्रवेश द्वार है. 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग, चंदनवाड़ी, शेषनाग, और पंचतरणी जैसे पड़ावों से होकर गुजरता है. हर साल हजारों श्रद्धालु यहां से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में अमरनाथ यात्रा में कई बार आतंकी हमते हुए. 2017 में तो सबसे भीषण आतंकी हमला अनंतनाग में हुआ था. जब एक बस पर हुए हमले में सात श्रद्धालु मारे गए थे. 2018 में भी यात्रा मार्ग पर आतंकी हमले की आशंका बनी हुई थी. इसे देखते हुए इस बार सुरक्षा बल काफी अलर्ट थे.
लोग बोले-हमारे दिलों पर हमला
लश्कर से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने इसकी जिम्मेदारी ली है. कश्मीर में शांति बहाल होते देख बौखलाए टीआरएफ ने कहा, सरकार ने 85000 बाहरी लोगों को जम्मू कश्मीर में बसाया हैं. यह कश्मीर आते तो पर्यटक बनकर हैं और यही पर बस जाते हैं. ये उसी का खामियाजा है. लेकिन स्थानीय लोग तुरंत पर्यटकों की मदद को आगे आए. कुछ ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की तो कुछ ने सुरक्षाबलों को जंगलों में आतंकियों की तलाश में सहयोग किया. सुरक्षाबलों ने तत्काल इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू किया. एक स्थानीय दुकानदार गुलाम हसन ने कहा, हमारे लिए पर्यटक मेहमान हैं. यह हमला सिर्फ उन पर नहीं, हमारे दिलों पर हुआ है. हम चाहते हैं कि पहलगाम फिर से शांति का प्रतीक बने.
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