चीन ने 20 अप्रैल, 2025 को हेबेई प्रांत के सुनान काउंटी में 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क लॉन्च किया है। यहां “G” का मतलब गीगाबिट है, न कि जनरेशन। ये दुनिया का पहला कॉमर्शियल वायर्ड ब्रॉडबैंड नेटवर्क है जो 10 गीगाबिट प्रति सेकंड (Gbps) तक की स्पीड देता है।
यह 5G या 6G जैसे वायरलेस मोबाइल नेटवर्क से संबंधित नहीं है। यह एडवांस्ड फाइबर-ऑप्टिक टेक्नोलॉजी 50G पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क (50G-PON) का इस्तेमाल करता है। हुवावे और चाइना यूनिकॉम ने मिलकर इस नेटवर्क को लॉन्च किया है।
20 सेकेंड में डाउनलोड होगी 20GB साइज की 4K मूवी
इसमें 3 मिलिसेकेंड लेटेंसी के साथ 9,834 Mbps की डाउनलोड और 1,008 Mbps की अपलोड स्पीड मिलती है। इस स्पीड को ऐसे समझें कि लगभग 20 GB साइज की 4K मूवी को डाउनलोड करने में आम तौर पर 1 Gbps कनेक्शन पर लगभग 7-10 मिनट लगते हैं। नए 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क के साथ, 20 सेकेंड से भी कम लगेंगे।
रिमोट सर्जरी और AI-ड्रिवन स्मार्ट होम्स में काम आएगा 10G नेटवर्क
10G नेटवर्क को डेटा-इंटेंसिव, लो-लेटेंसी एप्लीकेशन्स को सपोर्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सीमलेस क्लाउड गेमिंग, रिमोट सर्जरी और AI-ड्रिवन स्मार्ट होम्स में काम आएगा।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी, टेलीमेडिसिन, रिमोट एजुकेशन और स्मार्ट एग्रीकल्चर को भी सपोर्ट करेगा। उदाहरण के लिए, यह ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम के लिए रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग को संभाल सकता है। ये चीन के प्लान्स का हिस्सा है।
UAE और कतर जैसे देशों की ब्रॉडबैंड स्पीड को चीन ने पीछे छोड़ा
10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क लॉन्च से चीन ग्लोबल ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी में लीडिंग हो गया है। उसने UAE और कतर जैसे देशों की वर्तमान कॉमर्शियल ब्रॉडबैंड स्पीड को पीछे छोड़ दिया है, जहां औसत गति 543 mbps और 521 mbps है।
सुनान काउंटी और ज़ियोनग’आन में इनिशियल लॉन्च चीन की एक ब्रॉडर नेशनल स्ट्रैटजी का हिस्सा है। चीन इसे 168 लोकेशन्स तक विस्तार करना चाहता है।
चीन की ब्रॉडबैंड स्पीड भारत की तुलना में 100 गुना ज्यादा
भारत का ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर मुख्य रूप से फाइबर-ऑप्टिक (FTTH), DSL, केबल और 5G फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) जैसी वायरलेस तकनीकों पर निर्भर करता है। सबसे तेज़ रियल-वर्ल्ड एक्साइटेल जैसे प्रोवाइडर्स देते हैं। इसमें दिल्ली में औसत डाउनलोड स्पीड 77.2 Mbps और अपलोड स्पीड 54.7 Mbps है।
कुछ प्रोवाइडर्स, जैसे कि जियोफाइबर और एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर 1 Gbps तक के प्लान का विज्ञापन करते हैं, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर सीमाओं के कारण रियल-वर्ल्ड स्पीड अक्सर कम होती है। मार्च 2025 में भारत की औसत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड डाउनलोड के लिए 58.62 Mbps और अपलोड के लिए 50.42 Mbps थी। दुनिया में ये 87वें स्थान पर थी।
चीन का 10G नेटवर्क भारत की रियल वर्ल्ड ब्रॉडबैंड स्पीड (9,834 Mbps vs. 77.2 Mbps) की तुलना में 100 गुना ज्यादा है।
1987 में हुई थी हुवावे की स्थापना
हुवावे की स्थापना 1987 में हुई थी और इसका मुख्यालय शेन्ज़ेन में है। यह टेलीकॉम इक्विपमेंट और नेटवर्क सॉल्यूशन्स में ग्लोबल लीडर है। कंपनी ने ऑप्टिकल ब्रॉडबैंड और 5G तकनीकों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दूसरी ओर, चाइना यूनिकॉम चीन के तीन प्रमुख सरकारी स्वामित्व वाले दूरसंचार ऑपरेटरों में से एक है। यह देश भर में ब्रॉडबैंड, मोबाइल और एंटरप्राइज सर्विसेज दैती है।
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