Pope Francis Dies at 88: सादगी और शानदार विरासत के लिए याद किए जाएंगे पोप फ्रांसिस, जानें उनकी कुल संपत्ति, वेतन

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है जिसकी घोषणा वेटिकन ने की है। कैथोलिक चर्च के 266वें पोप फ्रांसिस ने 21 अप्रैल को 88 वर्ष का आयु अंतिम सांस ली है। पोप फ्रांसिस को जटिल श्वसन पथ संक्रमण और दोहरा निमोनिया की जटिलताओं के कारण पोप की मृत्यु हुई है।
श्वसन पथ संक्रमण और दोहरा निमोनिया के कारण पोप फ्रांसिस को दो सप्ताह के लिए रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पोप की मृत्यु के साथ ही 12 वर्षों का पोपत्व भी खत्म हो गया है। पोप बेनेडिक्ट के 2013 में पदसे हटने के बाद ऐतिहासिक तौर पर उनके चुनाव के साथ ये शुरु हुआ था।
पोप फ्रांसिस का नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था जिनका जन्म  ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुआ था। पोप फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। पोप ने अपना जीवन बेहद सादगी से जिया था। इस कारण ही वो सुर्खियों में आए थे। ये उनके पोपत्व के अनुरूप था। बता दें कि उनके पोपत्व का सबसे सनसनीखेज पहलू यह था कि उन्होंने वेतन लेने से इंकार कर दिया, जिसे लेने का वे हकदार थे।
बता दें कि पोप को मासिक भत्ता लगभग 32,000 डॉलर प्रति माह दिया जाता है। मगर पोप फ्रांसिस जैसे ही पद के लिए निर्वाचित हुए थे उन्होंने इस राशि को लेने से इंकार कर दिया था। वेटिकन के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि ये राशि हो सकता है कि अलग अलग धर्मार्थ संस्थाओं को भेजी गई होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ होगा तो इस राशि को भविष्य में उपयोग करने के लिए ट्रस्ट में रखा गया होगा या चर्च में उपयोग के लिए दिया गया होगा।
पोप फ्रांसिस ने जिस समय वेतन लेने से इंकार किया था उस समय उनकी कुल संपत्ति लगभग 16 मिलियन डॉलर थी। ये राशि अधिकतर पोप की भूमिक से जुड़ी थी। उनके पास पांच आधिकारिक कारें थी, जो पोप को वेटिकन द्वारा दी गई थी। उन्हें रहने का स्थान भी दिया गया था व कुछ निश्चित लाभ भी उन्हें पद के साथ मिले थे। उन्होंने कोई व्यक्तिगत संपत्ति अर्जित नहीं की थी।
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2001 में वेटिकन ने पुष्टि की थी कि कार्डिनल रहने के दौरान भी पोप फ्रांसिस ने चर्च से धन प्राप्त नहीं किया था। इस फैसले से जीवन के प्रति सादगी को लेकर उनका दृष्टिकोण जाहिर होता था। उनके कार्यकाल के दौरान वेटिकन की वित्तीय स्थिति में भी सुधार देखने को मिला था। पादरी वर्ग के दुर्व्यवहार से निपटा गया था। अंतर-धार्मिक संवाद को बढ़ावा देने के प्रयास भी उनके कार्यकाल में हुए थे।
भले ही पोप फ्रांसिस बेहद सादगी से जीवन व्यतीत करने वाले रहे हों मगर कैथोलिक चर्च खुद वैश्विक स्तर पर सबसे धनी संस्थाओं में से एक है। कैथोलिक चर्च के पास अचल संपत्ति, कलाकृतियाँ और वित्तीय निवेश में व्यापक हिस्सेदारी है। हालांकि पोप फ्रांसिस अपने जीवनकाल में भौतिक संपदा की तुलना में नैतिकता पर अधिक फोकस करते रहे। आमतौर पर चर्च से गरीबों व हाशिए पर पड़े लोगों की सेवा पर ध्यान केंद्रित करना का आग्रह भी उन्होंने किया।

Source link

hindinewsblogs

Recent Posts

‘वीराना’ की जैस्मिन से ‘द भूतनी’ की मोहब्बत तक, जब ‘चुड़ैल’ बन पर्दे पर आईं बॉलीवुड की ये एक्ट्रेस

05 साल 2007 में आई हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘भूल भुलैया’ में अभिनेत्री विद्या बालन का भूतिया…

57 minutes ago

Breaking News LIVE Updates; Delhi Mumbai News | भास्कर अपडेट्स: मणिपुर के तामेंगलोंग में जमीन विवाद पर 2 नगा गांवों में भिड़ंत, 25 घायल; इनमें 12 पुलिसकर्मी

15 मिनट पहलेकॉपी लिंकमणिपुर के तामेंगलोंग में जमीन विवाद को लेकर दो नगा गांवों के…

2 hours ago