Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने 492 करोड़ रुपये के ESOPs त्यागे.

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Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने SEBI के शो-कॉज़ नोटिस के बाद 492 करोड़ रुपये के 2.1 करोड़ ESOPs स्वेच्छा से त्याग दिए, जिससे उनकी हिस्सेदारी 14.7% से घटकर 9.1% हो गई है. ESOPs कर्मचारियों को कंपनी के शेयर …और पढ़ें

हाइलाइट्स
  • विजय शेखर शर्मा ने 492 करोड़ के ESOPs त्यागे.
  • SEBI के नोटिस के बाद शर्मा की हिस्सेदारी 14.7% से 9.1% हुई.
  • ESOPs कर्मचारियों को कंपनी के शेयर खरीदने का अधिकार देते हैं.

नई दिल्ली. भारत की प्रमुख डिजिटल पेमेंट कंपनी Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने हाल ही में 492 करोड़ रुपये के 2.1 करोड़ ESOPs (Employee Stock Options) को स्वेच्छा से त्याग दिया है. यह कदम SEBI (Securities and Exchange Board of India) द्वारा जारी शो-कॉज़ नोटिस के बाद उठाया गया, जिसमें आरोप था कि ESOPs का आवंटन नियमों का उल्लंघन करता है. SEBI के अनुसार, जिन व्यक्तियों के पास कंपनी के फैसलों पर प्रभाव डालने की क्षमता है, उन्हें ESOPs नहीं दिए जा सकते. इस निर्णय के तहत विजय शेखर शर्मा ने अपनी हिस्सेदारी को 14.7% से घटाकर 9.1% कर दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि उनके पास अब कोई भी अनधिकृत ESOPs नहीं हैं.

विजय शेखर शर्मा का यह कदम न केवल Paytm के लिए, बल्कि भारत की स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिसमें संस्थापक खुद को कंपनी की पारदर्शिता और नियामकीय मानकों के प्रति प्रतिबद्ध दिखाते हैं. इस मामले के बाद, आइए समझते हैं कि ESOP क्या होता है और क्यों यह कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय योजना है.

ये भी पढ़ें- 1 करोड़ रुपये का इंश्योरेंस देगी ये सरकार, अपने कर्मचारियों के लिए एसबीआई के साथ किया समझौता

ESOP (Employee Stock Option Plan) क्या है?
ESOP एक ऐसा वित्तीय उपकरण है, जिसे कंपनियां अपने कर्मचारियों को कंपनी के शेयर खरीदने का अधिकार देने के लिए प्रदान करती हैं. इस योजना के तहत, कर्मचारियों को एक निश्चित मूल्य पर कंपनी के शेयरों को खरीदने का अधिकार मिलता है, जिसे एक तय समय अवधि के भीतर उपयोग करना होता है. यह योजना कर्मचारियों को कंपनी के प्रति अधिक प्रतिबद्ध बनाती है और उन्हें कंपनी की सफलता में भागीदार बनाती है.

ESOPs का महत्व
ESOPs का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को कंपनी की वृद्धि में सक्रिय रूप से शामिल करना है. जब कर्मचारी अपनी मेहनत से कंपनी के प्रदर्शन में योगदान करते हैं, तो उन्हें कंपनी के हिस्से का मालिकाना हक मिलता है, जिससे उनका मनोबल बढ़ता है. यह योजना न केवल कर्मचारियों को एक दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि कंपनी के लिए भी एक मजबूत टीम का निर्माण करती है, जो विकास की ओर अग्रसर रहती है.

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क्या होता है ESOP, जिसकी वजह से निकल गए पेटीएम फाउंडर के हाथ से ₹492 करोड़

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