द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को तमिलनाडु सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच को गवर्नर से बालाजी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति के बारे में बताया गया है। 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को थोड़ी राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें बालाजी के खिलाफ CBI जांच करने को कहा गया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि बालाजी ने नौकरी के बदले पैसे लिए हैं, इसलिए CBI जांच होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को यह फैसला दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया था। इनमें से एक याचिका तमिलनाडु सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की थी। मद्रास हाई कोर्ट ने 6 जनवरी को CBI जांच का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार ने पहले जो आदेश दिया था, उसका पालन नहीं किया। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में बालाजी की तरफ से वकील वी गिरी ने CBI जांच का विरोध किया। उन्होंने कहा कि CBI को जांच देना सही नहीं है, क्योंकि इसके लिए कोई ठोस वजह नहीं है। वकील गिरी ने यह भी कहा, ‘हाई कोर्ट ने बिना किसी को सुने ही यह आदेश दे दिया।’ मतलब, हाई कोर्ट ने बिना किसी का पक्ष जाने ही फैसला सुना दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से कहा था कि वे सारे जरूरी कागजात राज्यपाल के ऑफिस में दो हफ्तों में जमा करा दे। कोर्ट ने राज्यपाल के ऑफिस से भी कहा था कि वे इस मामले पर जल्दी फैसला लें। कोर्ट ने कहा था, ‘हम तमिलनाडु सरकार को इजाजत देते हैं कि वे सारे कागजात दो हफ्तों में राज्यपाल के ऑफिस में जमा करा दें। इसके बाद राज्यपाल के ऑफिस को इस पर तुरंत फैसला लेना होगा। हम दूसरी तरफ के लोगों को नोटिस भेज रहे हैं… इस बीच, CBI इस मामले में कोई जांच नहीं करेगी।’
मुकदमे के अनुसार, बालाजी पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी के बदले पैसे लिए। उन्होंने ‘आवीन’ में सरकारी नौकरी दिलाने के लिए लोगों से 3 करोड़ रुपये वसूले। कई लोगों ने बालाजी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एस रविंद्रन और के नल्लाथंबी नाम के दो लोगों ने भी शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने के लिए बालाजी को लाखों रुपये दिए थे।
राजेंद्र बालाजी पिछली AIADMK सरकार में डेयरी मंत्री थे। AIADMK तमिलनाडु की मुख्य विपक्ष पार्टी है। हाल ही में भाजपा और इसके बीच 2026 के विधानसभा चुनावों को लेकर गठबंधन हुआ है। इससे ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल को लेकर यह भी ऐतिहासिक फैसला सुनाया है कि वह विधानसभा से पारित विधेयकों को मनमाने ढंग से रोके नहीं रह सकते। सुप्रीम कोर्ट की लगातार सख्ती के बाद गर्वनर का ताजा फैसला सियासी तौर पर भी काफी अहम माना जा रहा है।
क्योंकि, सत्ताधारी डीएमके गवर्नर आरएन रवि पर आरोप लगाती रही है कि वे केंद्र सरकार और बीजेपी के इशारे पर उनके कार्यों को बाधित करते हैं और फाइलों में अनावश्यक देरी लगाते हैं। लेकिन, बदले माहौल में विधानसभा चुनावों से पहले यह मामला भी डीएमके सरकार के लिए एक राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। क्योंकि, विपक्ष एमके स्टालिन सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाता रहा है, ऐसे में मुख्य विपक्ष बीजेपी-AIADMK को करप्शन के केस में हमले करने का उसे एक नया हथियार मिल गया है।
Image Source : INDIA TV फैक्ट चेक पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले…
Suryakumar Yadav Got Orange Cap: मुंबई इंडियंस के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ऑरेंज कैप की…
Image Source : PTI सूर्यकुमार यादव सूर्यकुमार यादव ने अपना वही फार्म फिर से हासिल…
मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने कहा कि भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया के सीमित…
Bangladesh Border: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बांग्लादेश में बॉर्डर के आसपास के इलाकों में…
Hindi NewsJeevan mantraJyotishAaj Ka Rashifal (Horoscope Today)| Daily Rashifal Friday (2 May 2025), Daily Zodiac…