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Finance bill passed by Lok Sabha | लोकसभा से फाइनेंस बिल पास: डिजिटल टैक्स खत्म करने सहित 35 संशोधन, 7 पॉइंट में जानें बजट लागू होने की प्रोसेस

नई दिल्ली49 मिनट पहले

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लोकसभा ने ‘वित्त विधेयक, 2025’ पारित किया।

आज यानी, 25 मार्च को लोकसभा से फाइनेंस बिल 35 संशोधनों के साथ पास हो गया। इसमें ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट पर 6% डिजिटल टैक्स को खत्म करने जैसे संशोधन शामिल हैं।

अब ये बिल राज्य सभा में जाएगा। संसद के दोनों सदनों से फाइनेंस बिल के पारित होने के बाद, इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने बाद, ये कानून बन जाएगा और 2025-26 के लिए बजट प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

7 पॉइंट में जानें बजट की पूरी प्रोसेस…

  • बजट की तैयारी: बजट वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाता है। वित्त मंत्री के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और विशेषज्ञों से परामर्श लिया जाता है।
  • बजट का प्रस्तुति: हर साल 1 फरवरी को वित्त मंत्री लोकसभा में वार्षिक बजट पेश करते हैं। बजट भाषण में सरकार की आय और व्यय की डिटेल्स होती है।
  • संसद में चर्चा: बजट पेश होने के बाद, लोकसभा और राज्यसभा में इस पर विस्तृत चर्चा होती है। सांसद विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखते हैं।
  • विनियोग विधेयक: चर्चा के बाद, दोनों सदनों में इसे पेश किया जाता है, जो सरकार को समेकित निधि से धन निकालने की अनुमति देता है।
  • फाइनेंस बिल: बजट में प्रस्तावित टैक्स संबंधी बदलावों को लागू करने के लिए वित्त विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पेश किया जाता है।
  • राष्ट्रपति की मंजूरी: दोनों बिल (विनियोग और फाइनेंस) के संसद से पारित होने के बाद, इन्हें राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है।
  • अमल में लाना: राष्ट्रपति की सहमति के बाद ये कानून बन जाते हैं और बजट लागू हो जाता है। बजट 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए लागू होता है।

विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक दोनों पारित हो जाने के बाद, बजट प्रस्ताव कानून बन जाता है। इसके बाद सरकार:

  • स्वीकृत आवंटन के अनुसार धन खर्च कर सकती है।
  • टैक्स में बदलाव और अन्य वित्तीय उपायों को लागू कर सकती है।
  • बजट में घोषित योजनाओं और नीतियों को क्रियान्वित करना शुरू कर सकती है।

बजट से जुड़ी 4 बड़ी बातें…

  • केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपए का एक्सपेंडिचर प्रस्तावित है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.4% अधिक है।
  • अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कैपिटल एक्सपेंडिचर 11.22 लाख करोड़ रुपए है और इफेक्टिव कैपिटल एक्सपेंडिचर 15.48 लाख करोड़ रुपए है।
  • इसमें 42.70 लाख करोड़ रुपए का ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन और 14.01 लाख करोड़ रुपए का सकल उधार प्रस्तावित है।
  • वित्त वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के 4.8% के मुकाबले 4.4% रहने का अनुमान है।

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